Oct 2024
Month
गायों की मासिक देखभाल उनके स्वास्थ्य, दूध उत्पादन, प्रजनन क्षमता और समग्र भलाई के लिए अत्यंत आवश्यक है। एक सुव्यवस्थित मासिक देखभाल कार्यक्रम पशुपालक की जिम्मेदारी को आसान और प्रभावी बनाता है।
1. मासिक स्वच्छता और निरीक्षण:
शारीरिक जांच: त्वचा, आंखें, नाक, खुर और थनों की स्थिति की जाँच करें।
थनों की सफाई: थनैला जैसे संक्रमण से बचने के लिए विशेष ध्यान दें।
आवास की सफाई: गौशाला को अच्छी तरह धोएं, कीटाणुनाशक का छिड़काव करें।
2. वजन और स्वास्थ्य रिकॉर्ड:
हर महीने गाय का वजन मापें और वृद्धि पर नज़र रखें।
दूध उत्पादन और खुराक का रिकॉर्ड रखें।
गर्भधारण या गर्भकाल की निगरानी रखें।
3. कृमिनाशक (Deworming):
हर 3 महीने में, लेकिन मौसम और पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार मासिक समीक्षा करें।
बछड़ों के लिए अलग दवा और खुराक निर्धारित करें।
4. टीकाकरण समीक्षा:
टीका लगाने की अगली तिथि नोट करें।
अगर पिछला टीकाकरण छूट गया हो तो उसे इस महीने पूरा करें।
5. खुरों की देखभाल (Hoof Care):
खुरों को काटना और साफ करना बहुत जरूरी है।
गंदगी या कीचड़ जमने से संक्रमण हो सकता है।
6. पोषण मूल्यांकन:
आहार की मात्रा और गुणवत्ता की समीक्षा करें।
अगर गाय गर्भवती या दूध उत्पादन में है तो उसका आहार समृद्ध करें।
खनिज और विटामिन सप्लीमेंट की आवश्यकता हो तो उसे जोड़ें।
7. विशेष ध्यान योग्य बातें:
स्थिति | कार्य |
---|---|
दूध कम होना | आहार और स्वास्थ्य की समीक्षा करें |
थकावट या कमजोरी | एनर्जी सप्लीमेंट दें, डॉक्टर से परामर्श लें |
प्रसव की तैयारी | गाय को आरामदायक स्थान दें, आहार बढ़ाएँ |
व्यवहार में बदलाव | बीमारी की आशंका हो सकती है, निरीक्षण करें |
नियमित मासिक देखभाल से न केवल गायों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि उनके उत्पादक जीवन की अवधि भी बढ़ती है। यह पशुपालन को आर्थिक रूप से भी सफल बनाता है।
आपके सहयोग से हम गायों के चारे हेतु आवश्यक विभिन्न प्रकार के आहार उपलब्ध करवा सकते हैं।
गायों को निरंतर स्वच्छ और ताजे पानी की आवश्यकता होती है। पानी की टंकियों को नियमित रूप से साफ करना आवश्यक है। गायें जुगाली करने वाले जानवर होती हैं, जिनका पाचन तंत्र चार-कक्षीय होता है और वे मुख्य रूप से रेशेदार पौधों, विशेषकर घास पर आधारित आहार पर निर्भर रहती हैं। हालांकि, उनके आहार को संतुलित रखना जरूरी है ताकि उन्हें उत्तम स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मिल सकें।
गायें शाकाहारी होती हैं और उनका आहार मुख्य रूप से पौधों पर आधारित होता है। गाय को दिया जाने वाला आहार उनकी उम्र, उद्देश्य (दूध उत्पादन या मांस उत्पादन), और वह चरागाह में चर रही है या खलिहान में रखी गई है – इन बातों पर निर्भर करता है।
गायों के चारे में उपयोग किए जाने वाले कुछ सामान्य प्रकार के भोजन निम्नलिखित हैं, इसलिए इस कार्य में आपका सहयोग अत्यंत मूल्यवान है।
चारा (Forage): ताजा हरी घास गायों के लिए एक प्रमुख भोजन है, विशेषकर उन गायों के लिए जो खुले में चरती हैं। एक स्वस्थ चरागाह पाचन में सहायक आवश्यक रेशा प्रदान करता है।
अल्फाल्फा (Alfalfa): यह एक उच्च गुणवत्ता वाला घास-तंतु पौधा है, जो विशेष रूप से डेयरी गायों को दिया जाता है। इसमें रेशा, प्रोटीन और कैल्शियम का संतुलन होता है।
घास/हाई (Hay): सूखी घास या अल्फाल्फा और क्लोवर जैसी तंतुयुक्त घासों को तब खिलाया जाता है जब ताजा घास उपलब्ध नहीं होती, जैसे सर्दियों में।
अनाज और केंद्रित आहार (Grains and Concentrates): मकई (पूरी या टूटी हुई) को ऊर्जा बढ़ाने के लिए खिलाया जाता है। जौ, गेहूं और जई जैसे अन्य अनाज भी ऊर्जा बढ़ाने के लिए दिए जाते हैं, खासकर दुग्ध उत्पादन में लगी गायों या बाजार के लिए तैयार की जा रही गायों को। सोयाबीन की खली प्रोटीन के लिए एक सामान्य पूरक है।
नमक और खनिज ब्लॉक: ये गायों को कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिज प्रदान करते हैं।
विटामिन: गायों की अच्छे स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से उच्च उत्पादन वाली (जैसे दूध देने वाली) गायों को विटामिन भी दिए जाते हैं।
फल और सब्जियां: गायों को कभी-कभी बची हुई फल और सब्जियां भी दी जा सकती हैं, लेकिन ये उनके आहार का एक छोटा भाग होती हैं। सेब, गाजर या कद्दू जैसे खाद्य पदार्थ अतिरिक्त पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
पानी: ताजा और स्वच्छ पानी गायों के आहार का अनिवार्य हिस्सा है। एक गाय प्रतिदिन लगभग 30-50 गैलन पानी पी सकती है, जो उसकी उम्र और उत्पादन स्तर पर निर्भर करता है। गायों का विशेष पाचन तंत्र, जिसमें चार-कक्षीय पेट होता है, उन्हें रेशेदार पौधों को अच्छी तरह से पचाने और आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त करने में मदद करता है।
स्वस्थ गायें न केवल अच्छे दूध उत्पादन में सहायक होती हैं, बल्कि पूरे पशुपालन तंत्र की रीढ़ होती हैं। गायों की नियमित चिकित्सा देखभाल उनकी दीर्घायु और उत्पादकता सुनिश्चित करती है।
1. नियमित टीकाकरण (Vaccination):
गायों को निम्नलिखित बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है:
FMD (मुंह और खुर की बीमारी) – हर 6 महीने में टीका
HS (हेमोरेजिक सेप्टीसीमिया) – वर्ष में एक बार
BQ (ब्लैक क्वार्टर) – वर्ष में एक बार
Brucellosis (बुरूसेलोसिस) – प्रजनन से पहले एक बार (मुख्यतः मादा बछड़ों को)
2. कृमिनाशक दवाएं (Deworming):
हर 3-4 महीने में एक बार आंतों के कीड़ों के लिए दवा देना चाहिए।
बच्चों (बछड़ों) के लिए हल्की और सुरक्षित दवाएं उपयोग में लें।
3. सामान्य रोग और लक्षण:
रोग का नाम | लक्षण | प्राथमिक उपाय |
---|---|---|
थनैला (Mastitis) | थनों में सूजन, दूध में बदलाव | गर्म पानी से सिकाई, पशु चिकित्सक से संपर्क |
दस्त | पतला मल, कमजोरी | इलेक्ट्रोलाइट्स, स्वच्छ पानी |
बुखार | शरीर गर्म होना, खाना न खाना | तापमान मापें, डॉक्टर से परामर्श लें |
फेफड़ों का संक्रमण | खांसी, सांस लेने में कठिनाई | तुरंत उपचार आवश्यक |
4. प्राथमिक उपचार किट (First Aid Kit):
हर पशुपालक को निम्नलिखित वस्तुएं अपने पास रखनी चाहिए:
एंटीसेप्टिक लोशन और स्प्रे
पट्टियाँ और गॉज़
थर्मामीटर
ओ.आर.एस. पाउडर
बेसिक दर्द निवारक दवा (पशु चिकित्सक की सलाह से)
5. स्वच्छता और देखभाल:
पशु आवास को प्रतिदिन साफ़ रखें।
मच्छरों और मक्खियों से बचाव करें।
थनों की सफाई दुहने से पहले और बाद में अवश्य करें।
6. गर्भवती गायों की विशेष देखभाल:
संतुलित आहार दें।
अंतिम 2 महीनों में विशेष पोषण दें।
प्रसव के समय डॉक्टर की निगरानी रखें।
आपका सहयोग गायों के अच्छे स्वास्थ्य और समाज के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बाल संत भोले बाबा (ऋषिकेश) की प्रेरणा से गांव अर्जनसर श्री हरि गौशाला संस्था मैं एक विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय का निर्माण होने जा रहा है ।
जिसमें गायों का सभी प्रकार से इलाज किया जाएगा ।
सभी से हाथ जोड़कर निवेदन है कि चिकित्सालय मैं योगदान करके गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त करें।
सभी योगदाओं के नाम कथा मैं सामान पूर्वक लिए जाएंगे
यत्र गाव: प्रसन्नाः स्युः प्रसन्नास्तत्र सम्पदः । यत्र गावो विषण्णाः स्युर्विषण्णास्तत्र सम्पदः ॥ Where cows are happy, prosperity is there. Where cows are in grief, adversity is there.
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
कथा वाचक - बाल संत भोले बाबा ( ऋषिकेष )
इस कथा का उद्देश्य गायों की सेवा है |
इस कथा का सारा योगदान बाल संत भोले बाबा की प्रेरणा से स्थापित गौशालाओं मैं गायों की देखबाल खर्च किया जाएगा
Days
Hours
Minutes
Seconds
Oct 2024
Month
गायों की मासिक देखभाल उनके स्वास्थ्य, दूध उत्पादन, प्रजनन क्षमता और समग्र भलाई के लिए अत्यंत आवश्यक है। एक सुव्यवस्थित मासिक देखभाल कार्यक्रम पशुपालक की जिम्मेदारी को आसान और प्रभावी बनाता है।
1. मासिक स्वच्छता और निरीक्षण:
शारीरिक जांच: त्वचा, आंखें, नाक, खुर और थनों की स्थिति की जाँच करें।
थनों की सफाई: थनैला जैसे संक्रमण से बचने के लिए विशेष ध्यान दें।
आवास की सफाई: गौशाला को अच्छी तरह धोएं, कीटाणुनाशक का छिड़काव करें।
2. वजन और स्वास्थ्य रिकॉर्ड:
हर महीने गाय का वजन मापें और वृद्धि पर नज़र रखें।
दूध उत्पादन और खुराक का रिकॉर्ड रखें।
गर्भधारण या गर्भकाल की निगरानी रखें।
3. कृमिनाशक (Deworming):
हर 3 महीने में, लेकिन मौसम और पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार मासिक समीक्षा करें।
बछड़ों के लिए अलग दवा और खुराक निर्धारित करें।
4. टीकाकरण समीक्षा:
टीका लगाने की अगली तिथि नोट करें।
अगर पिछला टीकाकरण छूट गया हो तो उसे इस महीने पूरा करें।
5. खुरों की देखभाल (Hoof Care):
खुरों को काटना और साफ करना बहुत जरूरी है।
गंदगी या कीचड़ जमने से संक्रमण हो सकता है।
6. पोषण मूल्यांकन:
आहार की मात्रा और गुणवत्ता की समीक्षा करें।
अगर गाय गर्भवती या दूध उत्पादन में है तो उसका आहार समृद्ध करें।
खनिज और विटामिन सप्लीमेंट की आवश्यकता हो तो उसे जोड़ें।
7. विशेष ध्यान योग्य बातें:
स्थिति | कार्य |
---|---|
दूध कम होना | आहार और स्वास्थ्य की समीक्षा करें |
थकावट या कमजोरी | एनर्जी सप्लीमेंट दें, डॉक्टर से परामर्श लें |
प्रसव की तैयारी | गाय को आरामदायक स्थान दें, आहार बढ़ाएँ |
व्यवहार में बदलाव | बीमारी की आशंका हो सकती है, निरीक्षण करें |
नियमित मासिक देखभाल से न केवल गायों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि उनके उत्पादक जीवन की अवधि भी बढ़ती है। यह पशुपालन को आर्थिक रूप से भी सफल बनाता है।
आपके सहयोग से हम गायों के चारे हेतु आवश्यक विभिन्न प्रकार के आहार उपलब्ध करवा सकते हैं।
गायों को निरंतर स्वच्छ और ताजे पानी की आवश्यकता होती है। पानी की टंकियों को नियमित रूप से साफ करना आवश्यक है। गायें जुगाली करने वाले जानवर होती हैं, जिनका पाचन तंत्र चार-कक्षीय होता है और वे मुख्य रूप से रेशेदार पौधों, विशेषकर घास पर आधारित आहार पर निर्भर रहती हैं। हालांकि, उनके आहार को संतुलित रखना जरूरी है ताकि उन्हें उत्तम स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मिल सकें।
गायें शाकाहारी होती हैं और उनका आहार मुख्य रूप से पौधों पर आधारित होता है। गाय को दिया जाने वाला आहार उनकी उम्र, उद्देश्य (दूध उत्पादन या मांस उत्पादन), और वह चरागाह में चर रही है या खलिहान में रखी गई है – इन बातों पर निर्भर करता है।
गायों के चारे में उपयोग किए जाने वाले कुछ सामान्य प्रकार के भोजन निम्नलिखित हैं, इसलिए इस कार्य में आपका सहयोग अत्यंत मूल्यवान है।
चारा (Forage): ताजा हरी घास गायों के लिए एक प्रमुख भोजन है, विशेषकर उन गायों के लिए जो खुले में चरती हैं। एक स्वस्थ चरागाह पाचन में सहायक आवश्यक रेशा प्रदान करता है।
अल्फाल्फा (Alfalfa): यह एक उच्च गुणवत्ता वाला घास-तंतु पौधा है, जो विशेष रूप से डेयरी गायों को दिया जाता है। इसमें रेशा, प्रोटीन और कैल्शियम का संतुलन होता है।
घास/हाई (Hay): सूखी घास या अल्फाल्फा और क्लोवर जैसी तंतुयुक्त घासों को तब खिलाया जाता है जब ताजा घास उपलब्ध नहीं होती, जैसे सर्दियों में।
अनाज और केंद्रित आहार (Grains and Concentrates): मकई (पूरी या टूटी हुई) को ऊर्जा बढ़ाने के लिए खिलाया जाता है। जौ, गेहूं और जई जैसे अन्य अनाज भी ऊर्जा बढ़ाने के लिए दिए जाते हैं, खासकर दुग्ध उत्पादन में लगी गायों या बाजार के लिए तैयार की जा रही गायों को। सोयाबीन की खली प्रोटीन के लिए एक सामान्य पूरक है।
नमक और खनिज ब्लॉक: ये गायों को कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिज प्रदान करते हैं।
विटामिन: गायों की अच्छे स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से उच्च उत्पादन वाली (जैसे दूध देने वाली) गायों को विटामिन भी दिए जाते हैं।
फल और सब्जियां: गायों को कभी-कभी बची हुई फल और सब्जियां भी दी जा सकती हैं, लेकिन ये उनके आहार का एक छोटा भाग होती हैं। सेब, गाजर या कद्दू जैसे खाद्य पदार्थ अतिरिक्त पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
पानी: ताजा और स्वच्छ पानी गायों के आहार का अनिवार्य हिस्सा है। एक गाय प्रतिदिन लगभग 30-50 गैलन पानी पी सकती है, जो उसकी उम्र और उत्पादन स्तर पर निर्भर करता है। गायों का विशेष पाचन तंत्र, जिसमें चार-कक्षीय पेट होता है, उन्हें रेशेदार पौधों को अच्छी तरह से पचाने और आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त करने में मदद करता है।
स्वस्थ गायें न केवल अच्छे दूध उत्पादन में सहायक होती हैं, बल्कि पूरे पशुपालन तंत्र की रीढ़ होती हैं। गायों की नियमित चिकित्सा देखभाल उनकी दीर्घायु और उत्पादकता सुनिश्चित करती है।
1. नियमित टीकाकरण (Vaccination):
गायों को निम्नलिखित बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है:
FMD (मुंह और खुर की बीमारी) – हर 6 महीने में टीका
HS (हेमोरेजिक सेप्टीसीमिया) – वर्ष में एक बार
BQ (ब्लैक क्वार्टर) – वर्ष में एक बार
Brucellosis (बुरूसेलोसिस) – प्रजनन से पहले एक बार (मुख्यतः मादा बछड़ों को)
2. कृमिनाशक दवाएं (Deworming):
हर 3-4 महीने में एक बार आंतों के कीड़ों के लिए दवा देना चाहिए।
बच्चों (बछड़ों) के लिए हल्की और सुरक्षित दवाएं उपयोग में लें।
3. सामान्य रोग और लक्षण:
रोग का नाम | लक्षण | प्राथमिक उपाय |
---|---|---|
थनैला (Mastitis) | थनों में सूजन, दूध में बदलाव | गर्म पानी से सिकाई, पशु चिकित्सक से संपर्क |
दस्त | पतला मल, कमजोरी | इलेक्ट्रोलाइट्स, स्वच्छ पानी |
बुखार | शरीर गर्म होना, खाना न खाना | तापमान मापें, डॉक्टर से परामर्श लें |
फेफड़ों का संक्रमण | खांसी, सांस लेने में कठिनाई | तुरंत उपचार आवश्यक |
4. प्राथमिक उपचार किट (First Aid Kit):
हर पशुपालक को निम्नलिखित वस्तुएं अपने पास रखनी चाहिए:
एंटीसेप्टिक लोशन और स्प्रे
पट्टियाँ और गॉज़
थर्मामीटर
ओ.आर.एस. पाउडर
बेसिक दर्द निवारक दवा (पशु चिकित्सक की सलाह से)
5. स्वच्छता और देखभाल:
पशु आवास को प्रतिदिन साफ़ रखें।
मच्छरों और मक्खियों से बचाव करें।
थनों की सफाई दुहने से पहले और बाद में अवश्य करें।
6. गर्भवती गायों की विशेष देखभाल:
संतुलित आहार दें।
अंतिम 2 महीनों में विशेष पोषण दें।
प्रसव के समय डॉक्टर की निगरानी रखें।
आपका सहयोग गायों के अच्छे स्वास्थ्य और समाज के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बाल संत भोले बाबा (ऋषिकेश) की प्रेरणा से गांव अर्जनसर श्री हरि गौशाला संस्था मैं एक विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय का निर्माण होने जा रहा है ।
जिसमें गायों का सभी प्रकार से इलाज किया जाएगा ।
सभी से हाथ जोड़कर निवेदन है कि चिकित्सालय मैं योगदान करके गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त करें।
सभी योगदाओं के नाम कथा मैं सामान पूर्वक लिए जाएंगे
श्री हरि गौ सेवा संस्था एक समर्पित गैर-लाभकारी संगठन है जो गौमाताओं के स्वास्थ्य, देखभाल और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। यह संस्था गऊओं के प्रति करुणा और जिम्मेदारी की भावना से प्रेरित होकर स्थापित की गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें एक सुरक्षित और पोषित वातावरण प्रदान करना है।
श्री हरि गौ सेवा संस्था में हम गायों की पवित्रता, सांस्कृतिक महत्व और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका में पूर्ण विश्वास रखते हैं। हम निरंतर प्रयास करते हैं कि गौमाताओं को संपूर्ण देखभाल मिल सके और समाज को गोसेवा के लाभों के प्रति जागरूक किया जा सके।
Doner
test donner 2 (8596745869) 2025-08-25 10:37:12Doner
Add Doneer (59698659) 2025-08-25 10:30:40Doner
JAGDISH PAREEK (9784380265) 2025-08-25 10:50:30Doner
BHAWANI PAREEK (7229901377) 2025-08-25 10:51:18Doner
BHAWANI PAREEK (7229901377) 2025-08-25 10:51:18"Sri Hari Gaw Seva Sanstha has touched the lives of so many cows and humans alike. Their holistic approach, which includes rescue, rehabilitation, and advocacy, is truly inspiring. The team’s commitment to sustainability and ethical practice
"As a volunteer with Sri Hari Gaw Seva Sanstha, I am proud of the difference we are making in the community. The organization is not only focused on cow protection, but also on education and raising awareness about the importance of kindness to al
"I have been supporting the Sri Hari Gaw Seva Sanstha for over two years, and I can genuinely say their work is incredible. Their dedication to animal welfare, particularly cows, is unmatched. They provide a safe and loving environment for abandon
"Sri Hari Gaw Seva Sanstha has touched the lives of so many cows and humans alike. Their holistic approach, which includes rescue, rehabilitation, and advocacy, is truly inspiring. The team’s commitment to sustainability and ethical practice
"As a volunteer with Sri Hari Gaw Seva Sanstha, I am proud of the difference we are making in the community. The organization is not only focused on cow protection, but also on education and raising awareness about the importance of kindness to al
"I have been supporting the Sri Hari Gaw Seva Sanstha for over two years, and I can genuinely say their work is incredible. Their dedication to animal welfare, particularly cows, is unmatched. They provide a safe and loving environment for abandon
भगवान श्री राम की कथा
2026-03-01श्रीमद् भागवत कथा
2026-02-23